ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जसवां-प्रागपुर के अध्यक्ष , सुरेंद्र सिंह मनकोटिया ने , पूर्व विधायक व मंत्री रविन्द्र सिंह रवि द्वारा वरिष्ठ कांग्रेसी नेत्री पूर्व सांसद श्रीमती विप्लव ठाकुर के विरुद्ध की गई टिप्पणी को "थोथा चना बाजे घना" वाली , संज्ञा करार दिया है। मनकोटिया ने कहा कि जिसकी अपनी सरकार में ही कोई पूछ नहीं है वह दूसरों के बारे में क्या बोल सकते हैं। बीजेपी सरकार हिमाचल में तीसरी बार सत्तासीन है पर देहरा, जसवां व प्रागपुर में एक पत्थर तक नहीं लगाया इसके विपरीत तरक्की और विकास में रोड़े अटकाए हैं। इनकी वजह से ही कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई सेंट्रल यूनिवर्सिटी आज दो पाटों जयराम ठाकुर व अनुराग ठाकुर के बीच में पीस रही है। सरकारी कार्यालय, भवन, सड़कें, पुल, पानी की स्कीमें सब विप्लव ठाकुर और योगराज जी की देन हैं, रविंद्र सिंह रवि तो 5 साल के लिए देहरा फार्म हाऊस में आराम फरमाने आए थे।
मनकोटिया ने स्वाल दागते हुए पूछा कि जसवां-प्रागपुर और देहरा में कांग्रेस की बनाई हुई सड़कों में रि-टायरिंग, विस्तारीकरण, चौड़ा करने के झूठे बोर्ड लगाने के सिवाए बीजेपी ने यहां पर किया ही क्या है?
मनकोटिया ने रवि जी से प्रश्न किया कि क्या यह सच्चाई नहीं है कि हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना के लिए अनुराग ठाकुर ने ऑक्सीजन प्लांट दे दिए पर देहरा के लिए ऑक्सीजन प्लांट नहीं दिया, इस तरह का सौतेला व्यवहार देहरा सब डिवीजन के साथ क्यों? ऑक्सीजन के भरे हुए सिलेंडर दिल्ली से हमीरपुर अस्पताल भेज दिए लेकिन देहरा अस्पताल में क्यों नहीं। आगे रविंद्र सिंह रवि से पूछा कि वे बताएं कि अनुराग ठाकुर तीन बार यहां से सांसद बन चुके हैं पर देहरा के लिए आज तक क्या दिया । सम्माननीय विप्लव ठाकुर द्वारा किए गए विकास और अनुराग ठाकुर, रविंद्र सिंह रवि द्वारा देहरा सब डिवीजन की गई दुर्गति पर , बहस करने को हम किसी भी मंच पर तैयार हैं। आज देहरा और जसवां-प्रागपुर का हर गांव विप्लव ठाकुर द्वारा किए कामों की गाथा बताता है, हर घर कांग्रेस के सहयोग की चर्चा करता है , परंतु रविंद्र सिंह रवि जी अनुराग ठाकुर द्वारा एक देहरा को छोड़कर हमीरपुर बिलासपुर तथा ऊना के लिए दिए गए ऑक्सीजन प्लांट की प्रशंसा क्यों कर रहे हैं। इससे तो यही प्रमाणित होता है रवि जी बाहर वाले होने की वजह से इनका देहरा से कोई लगाव नहीं है। पहले कोई नहीं बोलता था कि "देहरा कोई नहीं तेरा" । जबसे रवि जी देहरा आए तब से यह कहावत शुरू हुई है।
No comments:
Post a Comment