Friday, May 29, 2020

प्रशासन की चूक या लापरवाही: रेड जोन के 7 लोग टेस्ट के लिए ट्रैक्टर में भेज दिए ऊना



जिला ऊना में शुक्रवार देर शाम बड़ी लापरवाही देखने को मिली। लापरवाही एक नहीं, बल्कि चार-चार थी। पहली लापरवाही रेड जोन से आए सात लोगों को एक क्वारंटीन सेंटर से दूसरे क्वारंटीन सेंटर भेज दिया। दूसरी लापरवाही सात लोगों को ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठाकर कोविड-19 टेस्ट के लिए ऊना में भेजा गया। तीसरी लापरवाही इन सातों लोगों को टेस्ट स्थल पर एनएच हाई-वे किनारे बैठा दिया गया और चौथा कारनामा सातों लोग टेस्ट के इंतजार करते हुए सड़कों पर घूमते रहे, लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं था।

हालांकि जिस स्थल पर टेस्ट के लिए लाया गया, वहां पहले से ही होमगार्ड जवान तैनात था, जिन्होंने इसे रोका तक नहीं। जैसे ही मामला डीसी ऊना के ध्यान में आया, तो डीसी ने इस लापरवाही पर न केवल रिपोर्ट तलब की, बल्कि उचित कार्रवाई करने के निर्देश भी दे दिए। डीसी ऊना खुद मौके पर पहुंचे उन्होंने अधिकारियों को लताड़ लगाई, उसी समय बिना टेस्ट किए इन 7 लोगों को टेंपो ट्रैवलर में बैठा वापस भेजा और निर्देश दिए कि सभी की सेंटर में ही सैंपलिंग की जाए।.
बता दें कि जिला ऊना के एक क्वारंटीन सेंटर में राजस्थान से एक ईंट भट्ठा की लेबर गत दिनों आई थी, जिसे सेंटर में रखा गया था। इस लेबर के कोविड-19 टेस्ट के लिए इन्हें ऊना तक पहुंचाने के लिए वहां तैनात स्टाफ द्वारा किसी वाहन के स्थान पर ट्रैक्टर ट्रॉली का सहारा लेना पड़ा। यही गलती स्टाफ पर भारी पड़ रही है, क्योंकि ट्रैक्टर भी ईंट भा मालिक से ही मांग कर लिया गया था। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इनके टेस्ट इसी सेंटर में क्यों नहीं हो रहे और दूर भेजने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली का सहारा क्यों लिया गया। जिलाधीश ऊना ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है और उचित कार्रवाई करने की बात कही।
तहसीलदार विजय कुमार राय ने कहा कि मेरे ध्यान में मामला आया है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर में 7 लोगों को कोविड-19 लिए एक सेंटर से दूसरे सेंटर के लिए भेजा गया था। उन्होंने कहा कि मौके पर कोई दूसरा वाहन उपलब्ध नहीं था, इसलिए ट्रैक्टर में सोशल डिस्टेंस बनाए रखकर जाने को कहा गया था। अब तहसीलदार साहिब का बयान अपने आप में सवाल खड़े करता है कि सोशल डिस्टेंस 10 फुट की ट्रॉली में कैसे बनेगा।

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