डाडसीबा - पूर्व कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि जसवां प्रागपुर के विधायक व उद्योग मंंत्री बिक्रम ठाकुर जी पंचायत चुनावों को नजदीक आता देखकर और हार के डर से अपने चेहते, बीजेपी से संबंध रखने वाले प्रधानों, पंचायत प्रतिनिधियों और नजदीकियों को रेवडियाँ की तरह रलीफ फंड से पैसों बांट रहे हैं। सरकारी पेसे का शरेआम, खुलकर दुरूपयोग हो रहा है। कई जगह एक ही परिवार के 4-4 व्यक्तियों को पैसे दे दिए तो दुसरी जगह बीजेपी से संबंध रखने वाले प्रधानों को 2-2 बार बिना किसी जरूरत के पैसे दे दिए। किसी पंचायत में 20-20 व्यक्तियों को पैसे दे दिए तो किसी पंचायत को एक भी पैसा नहीं दिया। किसी लड़की को सरनेम बदल कर 2 बार पैसे दे दिए तो किसी गरीब, असहाय, जरूरतमद को ढाई साल में एक फुटी कोड़ी भी नहींं दी। ऐसे नुमाइंदे हैं जसवां प्रागपुर विधानसभा क्षेत्र के।गरीब, गरीबी की चक्की में पिसता जा रहा है और बीजेपी पार्टी के चहेते और कार्यकर्ताओं के बारे-न्यारे हैं। इन्होंने सरकारी खजाने को खोगला करके रख दिया है । इस विधानसभा क्षेत्र में गरीबों और जरूरतमंदों को पूछनेवाला कोई नहीं है, वे अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यह जो पैसा बांटा जा रहा है उससे पंचायत चुनाव प्रभावित होने की पुरी संभावना है। अब यह पैसा वोट खरीदने के लिए और चुनाव खर्च के लिए प्रयोग होगा। इससे पंचायती राज प्रथा और निष्पक्ष चुनाव पर वटा है। अगर इस पैसे की जांच करवाई जाए तो सच्चाई सामने आएगी कि 95 प्रतिशत पैसा गैर जरूरतमंदों को बांटा है। जिन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत ही नहींं थी। यह सिर्फ पंचायत चुनावों में सहायता के तौर पर बांटा गया है।
Sunday, July 19, 2020
पूर्व कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने सरकार पर लगाए आरोप सरकार एक परिवार के चार चार व्यक्तियों को पैसे देकर सरकारी पैसे का खुलकर दुरुपयोग कर रही है
डाडसीबा - पूर्व कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि जसवां प्रागपुर के विधायक व उद्योग मंंत्री बिक्रम ठाकुर जी पंचायत चुनावों को नजदीक आता देखकर और हार के डर से अपने चेहते, बीजेपी से संबंध रखने वाले प्रधानों, पंचायत प्रतिनिधियों और नजदीकियों को रेवडियाँ की तरह रलीफ फंड से पैसों बांट रहे हैं। सरकारी पेसे का शरेआम, खुलकर दुरूपयोग हो रहा है। कई जगह एक ही परिवार के 4-4 व्यक्तियों को पैसे दे दिए तो दुसरी जगह बीजेपी से संबंध रखने वाले प्रधानों को 2-2 बार बिना किसी जरूरत के पैसे दे दिए। किसी पंचायत में 20-20 व्यक्तियों को पैसे दे दिए तो किसी पंचायत को एक भी पैसा नहीं दिया। किसी लड़की को सरनेम बदल कर 2 बार पैसे दे दिए तो किसी गरीब, असहाय, जरूरतमद को ढाई साल में एक फुटी कोड़ी भी नहींं दी। ऐसे नुमाइंदे हैं जसवां प्रागपुर विधानसभा क्षेत्र के।गरीब, गरीबी की चक्की में पिसता जा रहा है और बीजेपी पार्टी के चहेते और कार्यकर्ताओं के बारे-न्यारे हैं। इन्होंने सरकारी खजाने को खोगला करके रख दिया है । इस विधानसभा क्षेत्र में गरीबों और जरूरतमंदों को पूछनेवाला कोई नहीं है, वे अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यह जो पैसा बांटा जा रहा है उससे पंचायत चुनाव प्रभावित होने की पुरी संभावना है। अब यह पैसा वोट खरीदने के लिए और चुनाव खर्च के लिए प्रयोग होगा। इससे पंचायती राज प्रथा और निष्पक्ष चुनाव पर वटा है। अगर इस पैसे की जांच करवाई जाए तो सच्चाई सामने आएगी कि 95 प्रतिशत पैसा गैर जरूरतमंदों को बांटा है। जिन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत ही नहींं थी। यह सिर्फ पंचायत चुनावों में सहायता के तौर पर बांटा गया है।
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