Saturday, March 14, 2020

कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुरिन्द्र मनकोटिया ने कहा -यह राहत कोष नहीं रिश्वत कोष है ----पड़े पूरी ख़बर



आज  कर्मचारी कल्याण बोर्ड  के पूर्व उपाध्यक्ष सुरिन्द्र मनकोटिया ने पत्रकार वार्तालाप में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी की यह मांग सरासर गल्त है कि कर्मचारी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दें। मुख्मयंत्री राहत कोष और मंत्रियों के डिस्क्रिशन्री कोटे में जमा पैसे की  बंदरवाट हो रही है और उसमें भाई-भतीजावाज चला हुआ है।  अगर यह बात गल्त है तो मुख्यमंत्री महोदय राहत कोष का आडिट करवा करवा कर देख लें और फील्ड से रिपोर्ट मंगवाएं। सच सामने आ जाए गा और पता चल जाएगा कि करोड़ों रुपये की लूट-खसूट की गई है। मुख्यमंत्री राहत कोष और बहुत सा पैसा रिश्फत और चुनावों में पार्टी विशेष के लिए काम करने के बदले बांटा गया। अपने चहेतों को  करोड़ो रूपये ऐशोपरस्ती के लिए बांटे गए। ऐसे लोगों को भी पैसे दिए गए। जिन्होंने इलाज ईसीएचएस यानी कि आर्मी के माध्यम से फ्री में करवाया फिर भी डेढ़-डेढ़ लाख रुपये उनको दे दिया। और तो और ऐसे लोगों को पैसे बांट दिए गए जिनके पक्के मकान हैं, दो-दो, तीन-तीन गाड़ियां हैं, बच्चे नौकरी करते हैं, खुद प्रधान, उप-प्रधान हैं। इसके  इसके विपरीत ऐसे गरीब लोग आज भी तड़प रहे हैं जो अति गरीब हैं, दो वक्त का खाना नसीब नहीं हो रहा है, लड़की की शादी करने को घर में कुछ नहीं है, बिमार बिना पैसे के अपना ईलाज नहीं करवा पा रहा है परन्तु मुख्यमंत्री राहत कोष से या सरकार के मंत्रियों से इन्हें एक फुटी कोड़ी तक नसीब नहीं हुई। इसलिए हमारा कहना है कि यह राहत कोष नहीं  रिश्वत कोष है। और इसमें पुण्य का कार्य नहीं बल्कि पारितोषिक परोसने का कार्य हो रहा है। हमारे पास साक्ष्य मौजूद हैं। इसलिये खाते-पीते परिवार को पैसे देने के लिए क्यों कर्मचारी अपने खून-पसीने की कमाई लुटाएं।

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